क्वालिटी एसोरेंस कनक्लेव में निष्कर्ष इको फ्रेंडली कंस्ट्रक्शन मटेरियल का हो उपयोग
एनजीटी गाइडलाइन के क्रियान्वयन में सीएसआर के तहत उद्योगों को किया जाए शामिल
चंडीगढ़। हरियाणा ने गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण की स्थापना करके एक और उपलब्धि हासिल की है, जो देश में अपनी तरह की पहली पहल है। आज, क्वालिटी एसोरेंस कनक्लेव ने अपने मानक संचालन विधियों और प्रक्रियाओं (SOMPs) को लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में मजबूत, टिकाऊ और विश्वसनीय बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार क़ो पंचकूला में आयोजित एक कार्यक्रम में SOMPs और क्वालिटी एसोरेंस कनक्लेव की आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की।
क्वालिटी एसोरेंस कनक्लेव की पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ’2047 तक विकसित भारत’ के विजन के अनुरूप है। पहली बार, सभी प्रमुख हितधारक - जिसमें लोक निर्माण विभाग (भवन और सड़कें), जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, विकास और पंचायत, सिंचाई, बिजली, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (HSAMB), HSIIDC और प्रदेशभर के ठेकेदार जो विकास परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया का हिस्सा होते है और परियोजना पूरी करने में एक अहम भूमिका अदा करते है, जैसे विभिन्न विभागों और बोर्डों के इंजीनियरिंग विंग शामिल हैं-एक एकीकृत गुणवत्ता आश्वासन ढांचे के तहत एक साथ आए हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में पहले से ही इसी तरह के गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण मौजूद हैं। हरियाणा भारत का पहला राज्य है जिसने इस तरह का मॉडल अपनाया है, जो उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उद्घाटन के बाद, चार केंद्रित विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए, जिसमें पीईसी चंडीगढ़ और सीपीईटी अहमदाबाद, एनआईटी कुरुक्षेत्र और देश के अन्य तकनीकी प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे संस्थानों के क्षेत्र विशेषज्ञ और संकाय सदस्य शामिल हुए।
विशेषज्ञों ने मुख्य 4 विषयों पर अपने विचार साझा किए, जिनमें जमीनी स्तर पर गुणवत्ता चेतना विकसित करना, टिकाऊ बुनियादी ढांचे के लिए पर्यावरण के अनुकूल सामग्री और स्मार्ट डिजाइन का उपयोग, इंजीनियरिंग कार्यों में गुणवत्ता आश्वासन को सक्षम करने के लिए नए युग की तकनीक को अपनाना और बुनियादी ढांचे के विकास में राज्य-स्तरीय सर्वोत्तम अभ्यास शामिल हैं। कुल 24 विशेषज्ञों ने अपने विचार दिए, जिनमें से प्रत्येक सत्र में 6 विशेषज्ञ थे।
अंत में, विशेषज्ञों ने पर्यावरण के अनुकूल निर्माण सामग्री का उपयोग करने, सीएसआर फंडिंग में उद्योगों को शामिल करने और एनजीटी दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बात पर भी चर्चा की गई कि इमारतों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरा होने के बाद, वर्तमान में उनके दीर्घकालिक रखरखाव का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, गुणवत्ता आश्वासन प्राधिकरण को जल्द ही एक व्यापक रखरखाव नीति पेश करनी चाहिए। इसके अलावा, इन पहलों का समर्थन करने के लिए प्रासंगिक कानून भी लाया जाएगा।
प्राधिकरण के चेयरमैन राजीव अरोडा ने सभी पैनिलिस्टि व अन्य विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस क्वालिटी एसोरेंस कनक्लेव को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
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