हरियाणा आत्मनिर्भर भारत में निभाएगा अग्रणी भूमिका : नायब सिंह सैनी
25 सितम्बर से 25 दिसम्बर तक चलेगा आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान अभियान
स्वदेशी ही हमारी ताकत, हर गांव में पहुंचेगा अभियान
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग आत्मनिर्भरता से होकर जाता है और यह अभियान आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ में मीडिया बंधुओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि यह अभियान गत 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती से शुरू हुआ है और 25 दिसम्बर, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती तक चलेगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की पौने तीन करोड़ जनता इस राष्ट्रीय महायज्ञ में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इस अभियान को हरियाणा के हर गांव और हर शहर तक पहुंचाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘स्वदेशी’ का विचार हमारे लिए नया नहीं है। महर्षि दयानंद सरस्वती, बंगाल के स्वदेशी आंदोलन, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन से यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक व्यवस्था स्वदेशी पर आधारित होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम उसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा – आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान तीन स्तंभों स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा पर आधारित है। स्वदेशी का अर्थ भारत में ही वस्तुओं का उत्पादन और उपयोग करना है। इस दिशा में देश में स्टार्टअप्स की संख्या 1.60 लाख तक पहुंच गई है। हाल ही में इसरो ने भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप ‘विक्रम-32’ विकसित की है। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है। मुद्रा और पी.एल.आई. योजनाओं के माध्यम से MSME और निर्माताओं को बड़े स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है, जिससे निर्यात 825 बिलियन डॉलर तक पहुंचा है।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि स्वभाषा का अर्थ भारतीय भाषाओं और ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देना है। नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा शिक्षा को प्रोत्साहन दिया गया है और MBBS, इंजीनियरिंग सहित कई विषय भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जा रहे हैं। इसी तरह, स्वभूषा का अभिप्राय हमारी अपनी विरासत, डिज़ाइन और सौंदर्यशास्त्र को अपनाने से है। खादी और ग्राम उद्योगों का कारोबार 1.70 लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है। एक जिला-एक उत्पाद योजना में 750 जिलों से 1200 से अधिक उत्पादों की पहचान की गई है, जिनकी बिक्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
आत्मनिर्भर भारत की नई उपलब्धियां
उन्होंने कहा कि भारत के लिए आत्मनिर्भरता केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि आज जमीन पर उतरती हकीकत है। रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़ा है, UPI दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स 2 से बढ़कर 300 से अधिक हो गई हैं, और इसरो के मंगलयान, चंद्रयान-3, आदित्य-L1 तथा गगनयान मिशनों ने दुनिया में भारत का डंका बजाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की दवाओं और टीकों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन चुका है। हम वैश्विक स्तर पर 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं और 60 प्रतिशत वैक्सीन की आपूर्ति कर रहे हैं। आज अमेरिका में उपयोग होने वाली 40 प्रतिशत और ब्रिटेन में 25 प्रतिशत दवाएं भारत से जाती हैं। उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ की नीति का प्रभाव यह है कि आज देश में बिकने वाले 99.20 प्रतिशत मोबाइल फोन अब मेड इन इंडिया हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है। देश नवीकरणीय क्षमता मंह चौथे, सौर ऊर्जा में तीसरे और पवन ऊर्जा में चौथे स्थान पर है। हमारी सौर क्षमता 39 गुणा बढ़ी है और पवन ऊर्जा दोगुनी हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 10 करोड़ से अधिक बहनें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सशक्त हुई हैं। मुद्रा ऋण लेने वालों में 68 प्रतिशत और स्टैंड-अप इंडिया लाभार्थियों में 83 प्रतिशत हमारी बहन-बेटियां हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्ची आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक भी होती है। दिल्ली में राजपथ का नाम ‘कर्तव्य पथ’ करना, भारतीय नौसेना के ध्वज में परिवर्तन और IPC व CRPC के स्थान पर भारतीय न्याय, नागरिक सुरक्षा व साक्ष्य संहिता का आना, गुलामी की मानसिकता के प्रतीकों को मिटाने के ऐतिहासिक कदम हैं।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान में हरियाणा प्रदेश अपनी पूरी शक्ति से योगदान देगा। ‘जय जवान, जय किसान’ के साथ-साथ ‘जय विज्ञान’ को चरितार्थ करने में हरियाणा हमेशा आगे रहा है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई है।
जिलों और मंडलों में होंगे सम्मेलन, रथ यात्रा, व्यापारी और MSME संगोष्ठियाँ
उन्होंने बताया प्रदेश के सभी जिलों और मंडलों में नवंबर-दिसंबर में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन’ आयोजित किए जाएंगे। व्यापारी सम्मेलन’, ‘MSME उद्योगपति सम्मेलन’ और कॉलेजों में युवाओं के साथ संवाद के लिए ‘संकल्प सेमिनार’ होंगे। पूरे प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ यात्रा’ निकाली जाएगी। दिवाली पर विदेशी लाइट्स की जगह स्थानीय मिट्टी के दीयों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। ‘संकल्प फॉर आत्मनिर्भर भारत’ का लोगो तैयार करके दुकानदारों व व्यापारियों को वितरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं, युवा नौकरी लेने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें, माताएं-बहनें स्थानीय उत्पाद खरीदें और व्यापारी मित्र स्वदेशी उत्पाद बेचने का संकल्प लें। इस अवसर पर सुरेंद्र पूनिया महामंत्री और प्रभारी आत्मनिर्भर भारत अभियान, प्रवीण अत्रे मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव, पर्व शर्मा संयोजक आत्मनिर्भर भारत अभियान, संदीप तथा सन्नी नारा सदस्य आत्मनिर्भर भारत अभियान समिति आदि उपस्थित थे l
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