*प्रदेश में इस वर्ष 920 लिंगानुपात का लक्ष्य रखें : सुधीर राजपाल*
*हरियाणा में लिंगानुपात सुधार हेतु राज्य टास्क फोर्स की बैठक आयोजित*
*लिंगानुपात में वांछित सुधार न करने पर दो अधिकारी सस्पेंड*
चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे परस्पर सामंजस्य स्थापित करके इस वर्ष 920 तक लिंगानुपात का आंकड़ा ले जाने का प्रयास करें। उन्होंने लिंगानुपात में वांछित सुधार करने में लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को सस्पेंड भी कर दिया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कम लिंगानुपात वाले 6 जिलों सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, चरखी दादरी, मेवात और झज्जर जिला के उपायुक्तों , पुलिस अधीक्षकों से भी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की और उनको सिविल सर्जनों के साथ मिलकर लिंगानुपात बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने उक्त जिलों के उपायुक्तों को अवैध गर्भपात के ममलों की रिवर्स-ट्रैकिंग करवाने तथा पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
सुधीर राजपाल ने शहरी क्षेत्र की गरीब तबके की बस्तियों में नगर निकाय संस्थाओं के साथ मिलकर सभी नवजात बच्चों के पंजीकरण को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लिंगानुपात के मामले में राज्य की परफॉर्मन्स बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
इससे पूर्व सुधीर राजपाल ने राज्य में लिंगानुपात में सुधार को लेकर "राज्य टास्क फोर्स" की बैठक की भी अध्यक्षता की। इस बैठक में लिंग जांच व अवैध गर्भपात की रोकथाम से जुड़े मामलों में कड़ी कार्रवाई और निगरानी को मजबूत करने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने लिंगानुपात में सुधार करने में बरती गई लापरवाही तथा लिंगानुपात की दर गिरने के कारण सिरसा जिला की पीएचसी जट्टांवाली के मेडिकल ऑफिसर तथा सोनीपत जिला के हलालपुर के एसएमओ को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।
इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अवैध एमटीपी (MTP) व लिंग निर्धारण गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) को अब अदालत में सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएनडीटी (PNDT) से संबंधित अदालती-मामलों के विवरण हेतु एक एमआईएस पोर्टल विकसित किया जाए।
उन्होंने कहा कि हरियाणा की गृह सचिव को डी.ओ. पत्र लिखकर पीएनडीटी मामलों को पॉक्सो (POCSO) कोर्ट में शामिल करने का अनुरोध किया जाएगा ताकि ऐसे मामलों का त्वरित निपटारा हो सके।
पीएनडीटी मामलों में कम सजा दर (Conviction Rate) को देखते हुए, कुछ वकीलों को राज्य मुख्यालय पर नियुक्त/संलग्न करने की संभावनाएँ तलाशने का फैसला किया गया, ताकि अदालती-मामलों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक में सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में बीएएमएस/जीएएमएस/बीएचएमएस चिकित्सकों द्वारा संचालित या प्रबंधित सभी क्लीनिक, नर्सिंग होम और अस्पतालों की लाइन-लिस्ट तैयार की जाए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उनमें से कितने में पंजीकृत स्त्रीरोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) उपलब्ध हैं और कितने एमटीपी केंद्र के रूप में पंजीकृत हैं।
उन्होंने अधिकारियों को यह प्रस्ताव बनाने के भी निर्देश दिए जिसमें एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) को दो केंद्रों से अधिक स्थानों पर गर्भपात करने की अनुमति न हो , इसके लिए सभी लीगल पहलुओं को ध्यान में रख कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए ताकि मंजूरी के लिए सरकार के समक्ष रखा जा सके।
इस अवसर पर बैठक में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ मनीष बंसल, डॉ कुलदीप सिंह, डॉ वीरेंद्र यादव, डॉ सिम्मी वर्मा, डॉ मुक्ता कुमार के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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