केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने की हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना
*नई दिल्ली में हरियाणा की स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित*
चंडीगढ़। हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा से उनके नई दिल्ली स्थित कार्यालय में सोमवार को बैठक की। इस महत्वपूर्ण बैठक में हरियाणा में संचालित प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई तथा केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना की।
*"टीबी-मुक्त हरियाणा" पर जोर*
बैठक में टीबी मुक्त भारत / टीबी मुक्त हरियाणा अभियान के अंतर्गत राज्य के प्रदर्शन को सराहा गया। केंद्रीय मंत्री ने निक्षय पोषण योजना को और मजबूत करने, निक्षय मित्रों की भागीदारी बढ़ाने तथा एक्स-रे जांच कवरेज का विस्तार करने की सलाह दी। फरवरी माह में 100-दिवसीय टीबी अभियान को पुनः शुरू किया जाएगा, जिसमें सांसदों, विधायकों, जिला समितियों और उपायुक्तों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
*दवाइयों और जांच सेवाओं में बेहतर उपलब्धता*
हरियाणा की आवश्यक दवा सूची (EDL) में राष्ट्रीय सूची की तुलना में अधिक दवाइयाँ शामिल हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता 90 प्रतिशत से अधिक तथा कुल अणु (मॉलिक्यूल) उपलब्धता 80 प्रतिशत से ऊपर पाई गई, जिसे केंद्रीय मंत्री ने सराहनीय बताया।
जांच सेवाओं की बात करें तो उप-स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर 13 प्रकार की जांच, जबकि जिला अस्पतालों में सूचीबद्ध 134 में से 108 जांचें उपलब्ध हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) भी बड़ी संख्या में जांच सेवाएं दे रहे हैं। इन सेवाओं को हब एंड स्पोक मॉडल के माध्यम से और मजबूत करने का सुझाव दिया गया।
*मानव संसाधन और बजट संरचना पर चर्चा*
बैठक में चिकित्सा विशेषज्ञों की उपलब्धता बढ़ाने और उनकी तैनाती को सुव्यवस्थित करने पर बल दिया गया। वर्तमान में हरियाणा अपने स्वास्थ्य बजट का लगभग 70 प्रतिशत वेतन पर खर्च करता है। इसे अन्य राज्यों के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से 50 प्रतिशत तक लाने के लिए युक्तिसंगत भर्ती और योजना बनाने की सलाह दी गई।
*ड्रग सप्लाई पोर्टल और एफडीए सुधार*
राज्य को सलाह दी गई कि दवा उपलब्धता पोर्टल को उप-स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक पूर्ण रूप से लागू किया जाए, ताकि आम जनता को दवाओं की उपलब्धता की जानकारी मिल सके। लंबित मैपिंग कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जानकारी दी गई कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के तहत प्रमुख पदों पर प्रतिनियुक्ति आधारित नियुक्तियां की गई हैं तथा गुणवत्ता नियंत्रण के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं।
*चिकित्सा शिक्षा और पीपीपी पर फोकस*
भिवानी में मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज के संचालन शुरू होने की जानकारी दी गई। केंद्रीय मंत्री ने हरियाणा में यूजी और पीजी मेडिकल सीटें बढ़ाने की सलाह दी। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा स्थापित पीपीपी सेल के साथ समन्वय कर डायग्नोस्टिक एवं अन्य सेवाओं में साझेदारी के अवसर तलाशने को कहा गया।
*केंद्र सरकार के समक्ष रखी गई राज्य की मांगें*
बैठक में हरियाणा सरकार ने केंद्र के समक्ष कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं, जिनमें हिसार में समर्पित टीबी अस्पताल, सीबीएनएएटी कार्ट्रिज की निर्बाध आपूर्ति, सर्वाइकल कैंसर रोकथाम हेतु एचपीवी वैक्सीन, कैंसर और एनसीडी प्रबंधन के लिए पीईटी/स्पेक्ट सुविधाएं, 15वें वित्त आयोग के समर्थन का विस्तार, दक्षिण हरियाणा के लिए लक्षित बुनियादी ढांचा सहायता, अतिरिक्त एम्बुलेंस, नवजात देखभाल इकाइयों (SNCU) का विस्तार, जिला स्तर पर मैमोग्राफी, ऑडियोलॉजी क्लीनिक, विशेष रोग क्लीनिक, फाइब्रोस्कैन सुविधाएं तथा सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए एकीकृत आईटी प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
*उपलब्धियों की सराहना*
केंद्रीय मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने हरियाणा में मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) में कमी तथा 400 प्रतिशत से अधिक पूर्ण टीकाकरण कवरेज (FIC) हासिल करने पर राज्य की विशेष प्रशंसा की।
बैठक के अंत में केंद्रीय मंत्री ने हरियाणा सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग देती रहेगी।
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